रंगमंच तथा विभिन्न कला माध्यमों पर केंद्रित सांस्कृतिक दल "दस्तक" की ब्लॉग पत्रिका.

शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

चार्ली चैप्लिन के कुछ किस्से


मोन्टे कार्लो में चार्ली चैप्लिन जैसा दिखने की एक प्रतियोगिता चल रही थी. किसी को बताए बिना स्वयं चार्ली भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंच गए. वे तीसरे नम्बर पर रहे.
..........................................

एक दफ़ा चार्ली चैप्लिन अपने मित्र मशहूर चित्रकार पाब्लो पिकासो से मिलने गए. चैप्लिन का बचपन लन्दन के ईस्ट एन्ड की गुरबत में बिया था और बचपन में सीखे गए उसके सबक ताज़िन्दगी उनके साथ रहे. पाब्लो किसी पेन्टिंग पर काम कर रहे थे. बातों बातों में उनके ब्रश से पेन्ट के कुछ छींटे चार्ली की नई सफ़ेद पतलून पर लग गए. पाब्लो ने झेंपते हुए माफ़ी मांगी और पतलून से रंग साफ़ करने के लिए किसी चीज़ को ढूंढने लगे. चार्ली ने तुरन्त कहा - "छोड़ो पाब्लो! अपनी कलम निकाल कर मेरी पतलून पर अपने दस्तख़त कर दो बस!
......................................

१९४० में जब चार्ली ने अपनी फ़िल्म द ग्रेट डिक्टेटर पर काम करना शुरू किया तो अडोल्फ़ हिटलर का मज़ाक उड़ाती इस फ़िल्म की सफलता को लेकर उनके मन में गम्भीर संशय थे. वे अपने दोस्तों से लगातार पूछा करते थे - "सही बताना. मुझे इस फ़िल्म को बनाना चाहिये या नहीं? मान लिया हिटलर को कुछ हो गया तो? या जाने कैसी परिस्थितियां बनें?" चैप्लिन के प्रैय मित्र डगलस फ़ेयरबैंक्स ने चार्ली से कहा - "तुम्हारे पास कोई और विकल्प नहीं है चार्ली! यह मानव इतिहास की सबसे चमत्कारिक ट्रिक होने जा रही है - कि दुनिया का सबसे बड़ा खलनायक और दुनिया का सनसे बड़ा मसखरा, दोनों एक जैसे दिखें. अब अगर मगर बन्द करो और फ़िल्म में जुट जाओ.
...............................................

"मुझे अकल्पनीय पैसा मिलता था" एक दफ़ा चैप्लिन ने एक इन्टरव्यू में बताया था "मेरे अकाउन्ट में बहुत पैसा था पर मैंने उसे कभी देखा नहीं था. सो मुझे इस बात को सिद्ध करने के लिए कुछ करना था. सो मैंने एक सेक्रेटरी रखा, एक बटुआ खरीदा, एक कार खरीदी और एक ड्राइवर काम पर लगा दिया. एक शोरूम के बाहर से गुज़रते हुए मैंने सात सवारियों वाली एक कार देखी जिसे उन दिनों अमेरिका में सबसे अच्छी कार माना जाता था. दर असल बेचने के लिहाज़ से वह गाड़ी कहीं अधिक चमत्कारिक थी. खैर मैं भीतर गया और मैंने पूछा - "कितने की है?


"चार हज़ार नौ सौ डॉलर"


"पैक कर दीजिये" मैंने कहा.
वह आदमी हैरान हो गया और उसने इतनी बड़ी खरीद इतनी जल्दी कर लेना ठीक नहीं समझा "सर आप इन्जन देखना चाहेंगे?"
"क्या फ़र्क पड़ता है - मुझे उनके बारे में कुछ नहीं आता." मैंने कहा. अलबत्ता मैंने गाड़ी के एक टायर को अपने अंगूठे से दबा कर देखा ताकि मैं थोड़ा पेशेवर नज़र आ सकूं

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें