रंगमंच तथा विभिन्न कला माध्यमों पर केंद्रित सांस्कृतिक दल "दस्तक" की ब्लॉग पत्रिका.

गुरुवार, 18 जुलाई 2013

पटना के रंगकर्मियों को आवारा मानते हैं संस्कृति विभाग के सचिव !!!

मजिस्ट्रेट साहेब और पटना के रंगकर्मी 
यह पोस्ट लाल सलाम के वाल से साभार.


आज तडके सुबह 8 बजे पटना के रंगकर्मी एकबार फिर भ्रष्ट पदाधिकारी ( सह - सचिव बिहार संगीत नाटक अकादमी ) विभा सिन्हा की बर्खास्तगी के मांग को लेकर इकठा हुए , जैसा की कल ही तय हुआ था, ज्ञात हो की कल ही कला विभाग के निदेशक विनय कुमार के हाथो रंगकर्मियों द्वारा कला सचिव चंचल जी को अपने मांगों और रंगकर्मियों से आके बात करने की जानकारी दी गई थी , परन्तु न विनय जी आये , न चंचल जी आये , न भ्रष्ट विभा सिन्हा आई , रंगकर्मी अपनी मस्ती में गाना बजाना कर रहे थे, वो भी रंगशाला के मुख्य गेट पर और जिन लोगों ने रंगशाला को देखा है वो ये जानते है की रंगशाला का मुख्य गेट मुख्य सड़क से लगभग 30 फिट की दुरी पर है, जहा से लॉ एंड आडर का कोई खतरा नहीं था, तभी पटना के डी.एम् साहब को एक फोन आता है की कुछ सड़क के आवारा लोग लॉ एंड आडर को हाथ में ले रहे है, ये फोन माननीय सचिव चंचल जी का था, फिर क्या था, दनदनाती हुई पुलिस की एक गाड़ी आके रूकती है, उससे बन्दुक धरी उतर के रंगकर्मियों के तरफ लपकते है, अचानक सड़क के लोग हमें ऐसे देखने लगते है की हम अपराधी हों , अधिकारी आ के हमें कहते है , आप लोगों ने डी.एम साहब को सूचना क्योँ नहीं दी ? आप से शहर का लॉ एंड आडर बिगड़ने का खतरा है, आप नहीं हटे तो आप पर लाठी चार्ज होगा, पानी के फव्वारे  छोड़े जाएंगें, मगर रंगकर्मी कब डरने वाले थे जब रंगशाला को सीआरपीएफ से मुक्त करा सकते है तो ये क्या चीज है, वो धमका के चले गए , रंगकर्मियों ने उस पदाधिकारी के हाथों एक ज्ञापन डीएम साहब को भी भेजा, उसके ठीक एक घंटे के बाद पिली बत्ती लगी मजिस्ट्रेट की गाड़ी आके रुकी साथ में डिपुटी डीएसपी मनोज कुमार तिवारी आये और आते ही, बरस पड़े, आपलोग गैर क़ानूनी तरीके से धरना पर बेठे है, आप लोगों को हम गिरफ्तार करेंगे, आपकी मांगें क्या क्या है ? जवाब मिला चंचल जी को हमसे बात करने के लिए आना होगा, इस पर तिवारी जी बोले सचिव सड़क के लोगों से नहीं मिलते है, इस बात पर सरे रंगकर्मी बोले तो फिर आप जो चाहे करें हमें कोई एतराज नहीं है, वो बोले आप पर पहले एफ़आइआर करेंगे फिर गिरफ्तार करेंगे , सारे रंगकर्मी एक सुर में चलने को तैयार हो गये, तिवारी जी सकपका गये सोच के ये आये होंगे की जेल से डरा देंगें , पर चाल उलटी पारी कोई डरा ही नहीं, 13-14 साल के बच्चों ने भी गिरफ्तारी का न्योता दिया , सीन देखने लायक था , अचानक भगत सिंह की याद ताजा हो गई, अधिकारी वही रुक्के अपने आकाओं से बात करते रहे आधे घंटे के बाद वो खुद चले गये, कल फिर 8 बजे सुबह से ताला बंदी की योजना है, ये बात प्रसाशन को पता है तो मुनासिब है हमारे लिए पहले से वह तैयारी होगी और सम्भव है रंगकर्मियों को जाते ही गिरफ्तार कर लिया जाये इस लिए पुरे भारत के रंगकर्म से जुड़े लोगों से निवेदन है की वो हमारी इस लड़ाई में हमारा साथ दें, कल 8 बजे सुबह से फेसबुक के माध्यम से हम से जुड़े रहें,

प्रेमचंद रंगशाला के गेट पर धरना दे रहे पटना के रंगकर्मी 
अब तस्वीर का दूसरा रुख आन्दोलन के दुसरे दिन रंगकर्मियों की संख्या बढ़ी, कुछ बरिष्ट रंगकर्मी आये उनसे हमारा हौसला और बढा वहीँ आपसी परिचर्चा में ये बातें भी सामने आयें की इतनी खलबली के बाद अख्तर बंधू (जावेद अख्तर, परवेज अख्तर , तनवीर अख्तर ) व हज्जू जी, अनिश अंकुर क्यूँ नहीं आये , जब कि उनको पल पल की खबर है, आइये बात की तह में जाए, दरअसल पिछले लगभग 10 वर्षों से विभा सिन्हा, संजय जी ( ये नाम आज सामने आया जो बिहार संगीत नाटक अकादमी के कर्मचारी है जो किसी भी काम के लिए 30 % मांगते है ) जैसे लोग राज कर रहे है , अब तक के हर धरने को (इस को छोड़ के) ये महाशय ही अपनी छत्रछाया में करवाते थे और बड़ी चालाकी से दुसरे दरवाजे से अपना उल्लू सीधा करके सरकारी मसिनारिज का इस्तेमाल करते थे, और सरकारी अमला इनको रंगभाग्त समझ के सारा प्रसाद इनकी जेब में डाल देता था और सारे रंगकर्मी इनकी जय जय करते थे और बाकि रंगकर्मी ये सोंचते थे वह मामला सलट गया ! लेकिन यहाँ तो मैच फिक्स होता था, आज ही ये बात सामने आई है की विभा सिन्हा के खिलाफ दर्जनों आरटीआई. वितीय घोटालों का मामला लंबित है, ऐसी हालत में अख्तर बंधू और शेष दो वरिष्टों का चुप रहना कहीं न कहीं उनकी पोल खोलता है, आज ये भी अहम् फैसला हुआ कि अगर ये पाँचों अपनी स्थिति साफ नहीं करते तो इनका पटना रंगमंच में बहिष्कार होगा , निवेदन ये है की आ के न आने का कारण बताएं या फिर किसी और माध्यम से अपनी स्थिति स्पष्ट करें ....................!
कल फिर 8 बजे ताला बंदी है रंगकर्मियों से निवेदन है की वो पहुँच के इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ दें ..!

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